जो सफर की शुरुआत करते है, वो ही मंज़िल को पार करते है || एक बार चलने का होंसला रखो, मुसाफिर का तो रास्ते भी, इंतज़ार करते है ||
Na Teri Shaan Kam Hoti Na Rutba Hi Ghata Hota, Jo Gusse Mein Kaha Tumne Wahi Hans Ke Kaha Hota.
लम्हे ये सुहाने साथ हो न हो, कल में आज जैसी कोई बात हो न हो, आपकी दोस्ती हमेशा इस दिल में रहेगी, चाहे पूरी उम्र हमसे मुलाक़ात हो न हो...